Friday, 28 February 2025

Shishya Public School, Siwan Science Exhibition 2025

 आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर शिष्य पब्लिक स्कूल के बच्चों द्वारा विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया|


Science Exhibition2025 video link


 उक्त प्रदर्शनी का उद्घाटन विद्यालय के निदेशक अखिल रंजन वर्मा, प्राचार्य श्रीमती नीलम वर्मा एवं उप प्राचार्य आर. एन. तिवारी के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया इस मौके पर प्राचार्या नीलम वर्मा ने बताया की विद्यालय के कक्षा 6 एवं 7 के बच्चों ने विज्ञान प्रदर्शनी में अपने विज्ञान प्रतिरूपों के साथ प्रदर्शनी लगाया,उन्होंने कहा कि विज्ञान प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य बच्चों में विज्ञान के प्रति अभिरुचि जगाना है साथ ही भविष्य के लिए देश के महान वैज्ञानिक बन सके ऐसा उनमें विश्वास जगाना भी इस विज्ञान प्रदर्शनी का उद्देश्य हैl निदेशक अखिल रंजन वर्मा ने बताया कि आज के दिन महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर रमन ने रमन इफेक्ट की खोज की थी इसी वजह से 1986 से हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है श्री वर्मा ने कहा कि विद्यालय विज्ञान,पर्यावरण व सामाजिक मुद्दों पर अपने कर्तव्य को समझता है एवं समय-समय पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करता है, उन्होंने बताया कि बच्चों द्वारा स्वयं से विज्ञान प्रतिरूप का निर्माण किया गया है जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं l

इस मौके पर विनोद राय, सनी कुमार,उन्नति गोयल, शाश्वत ओजस्वी, आदित्य राज, रवि, वैभवी श्री,प्रखर, शरण, कुमार रौनक, निशीत राज, तन्मय, अंशिका, शीतल, दिव्यांशु, काव्या,प्राची, सृष्टि,अमीषा जया,तपस्या, मंजरी, प्रणव, सानवि ,अनुष्का, श्रेया आशुतोष, ईशानी, शिप्रा, आदर्श, मनीष,शशि राज, आयुष, आदर्श, यशस्वी, आयुषी, श्रेया,रुखसार, रिमी, सपना, ऋतिक अनिषेक एवम कई अन्य बच्चों नें भी विज्ञान प्रदर्शनी में भाग लिया|





Thursday, 12 December 2024

कुछ औषधीय पत्तों से वाकई छू-मंतर हो जाएगी यूरिक एसिड की दिक्कत, नसों की गंदगी कर देगा साफ .



 जकल हाई यूरिक एसिड की समस्या काफी लोगों में देखने को मिल रही है. यूरिक एसिड बढ़ने से हमारी डेली लाइफ में कई चीजें प्रभावित होती हैं. इसके साथ-साथ जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न भी होती है.

 कई बार हाई यूरिक एसिड में व्यक्ति का चलना फिरना तक मुश्किल हो जाता है. हालांकि लोग यूरिक एसिड का इलाज करने के लिए दवाओं का सेवन करते हैं, लेकिन कुछ घरेलू और कारगर तरीके भी हैं जो इस समस्या से राहत दिला सकते हैं. आयुर्वेद में कई औषधीय पौधों के बारे में बताया जाता है, जो प्राकृतिक रूप से बीमारियों को ठीक करने की क्षमता रखते हैं. हाल ही में यूरिक एसिड और नसों की सफाई के लिए ये खास पत्ते चर्चा में आए हैं. यह माना जा रहा है है कि इस पत्ते के उपयोग से यूरिक एसिड की समस्या और नसों में जमा गंदगी को प्रभावी ढंग से साफ किया जा सकता है.

यूरिक एसिड क्या है? | What Is Uric Acid?

यूरिक एसिड शरीर में प्यूरीन के टूटने से बनने वाला एक प्राकृतिक रसायन है. जब शरीर इसे प्रभावी तरीके से उत्सर्जित नहीं कर पाता, तो यह खून में बढ़ जाता है और जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमा हो सकता है. इससे गाउट, जोड़ों का दर्द और सूजन जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

नसों की गंदगी का मतलब क्या है...?

नसों की गंदगी को आमतौर पर ब्लड वेसल्स में कोलेस्ट्रॉल, फैट या अन्य टॉक्सिन्स के जमाव के रूप में देखा जाता है. यह ब्लड सर्कुलेशन को बाधित कर सकता है और हार्ट डिजीज का कारण बन सकता है.

कौन सा औषधीय पत्ता घटा सकता है यूरिक एसिड लेवल?

आयुर्वेद में, कुछ औषधीय पत्तों जैसे कि पपीते के पत्ते, नीम के पत्ते, तुलसी के पत्ते और गिलोय के पत्ते का उल्लेख किया गया है. इनमें से कुछ खास पत्तों को यूरिक एसिड और ब्लड प्यूरिफिकेशन के लिए कारगर माना जाता है.

1. नीम के पत्ते: नीम के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. यह खून को साफ करता है और जोड़ों की सूजन को कम करने में मदद करता है.

2. गिलोय के पत्ते: गिलोय को "अमृत" के रूप में जाना जाता है. यह यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल करने और इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार है.

3. तुलसी के पत्ते: तुलसी के पत्तों का सेवन ब्लड सर्कुलेशन को सुचारू बनाने और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है.

4. पपीते के पत्ते: पपीते के पत्तों में पपेन नामक एंजाइम होता है, जो सूजन को कम करने और डिटॉक्स में मदद करता है.

इन पत्तों का उपयोग कैसे करें?

  • काढ़ा बनाएं: औषधीय पत्तों को पानी में उबालकर काढ़ा तैयार करें और दिन में एक बार इसका सेवन करें.
  • चाय के रूप में सेवन: तुलसी, गिलोय या नीम के पत्तों की चाय बनाकर पिएं.
  • पत्तों का रस: ताजे पत्तों का रस निकालकर उसमें शहद मिलाकर सेवन करें.

क्या कहती है वैज्ञानिक रिसर्च?

हालांकि आयुर्वेद में इन पत्तों का जिक्र है, लेकिन इनके प्रभाव पर अभी भी और ज्यादा शोध की जरूरत है. ये पत्ते सपोर्टिव थेरेपी के रूप में मदद कर सकते हैं, लेकिन इनसे पूर्ण इलाज का दावा करना सही नहीं होगा.

ये सावधानियां भी बरतें:

  • किसी भी औषधीय पत्ते का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें.
  • एलर्जी या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की संभावना को ध्यान में रखें.
  • अगर आप पहले से किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो इसका प्रभाव जानने के लिए एक्सपर्ट से सलाह लें.

औषधीय पत्ते हमारे शरीर को प्राकृतिक रूप से हेल्दी रखने में मदद कर सकते हैं, लेकिन इनका उपयोग केवल सप्लीमेंट के रूप में किया जाना चाहिए. यूरिक एसिड और नसों की गंदगी को कंट्रोल करने के लिए एक बैलेंस डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज और सही मेडिकल सलाह जरूरी है. इन पत्तों का उपयोग तभी करें जब आपको इनके सही उपयोग और मात्रा के बारे में जानकारी हो.

Wednesday, 11 December 2024

बिना दवा के नसों में जमा गंदा कोलेस्ट्रॉल हो जाएगा साफ, रोजाना सिर्फ ये 4 फूड खाना शुरू कर दें, नेचुरल तरीके से Good CHOLESTROL. बढ़ेगा

 



कोलेस्ट्रॉल  तेजी से बढ़ने वाली बीमारी है , दो तरह का होता है एक   LDL  कोलेस्ट्रॉल जिसे खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है तो दूसरा HDL कोलेस्ट्रॉल होता है जिसे गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है।

नसों में जमा खराब कोलेस्ट्रॉल को साफ करना हमारी बॉडी के लिए जितना जरूरी है उतना ही जरूरी गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाना भी है। कोलेस्ट्रॉल का नाम सुनते ही हमारे जहन में जिस बीमारी का नाम उभरता है वो है दिल के रोग। LDL कोलेस्ट्रॉल दिल के लिए दुश्मन है, क्योंकि यह धमनियों में चर्बी और कैल्शियम का जमाव बनने में मदद कर सकता है।

यह प्लाक दिल और मस्तिष्क की धमनियों को संकीर्ण कर सकता है जिससे ब्लड फ्लो बाधित होता है। यह स्थिति दिल के रोग, स्ट्रोक, और हार्ट अटैक जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है।

आयुर्वेदिक और युनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी ने बताया बॉडी के लिए जितना जरूरी LDL कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करना है उतना ही जरूरी गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाना है। गुड कोलेस्ट्रॉल हमारे ब्लड स्ट्रीम से खराब कोलेस्ट्रॉल को हटाता है और इसे खींचकर लिवर तक ले जाता है जहां से ये खराब कोलेस्ट्रॉल हमारी बॉडी से बाहर निकल जाता है। ये गुड कोलेस्ट्रॉल हमारे हार्ट में होने वाली ब्लॉकेज को कंट्रोल करता है और स्ट्रॉक जैसी बीमारियों का खतरा घटाता है। बॉडी के लिए उपयोगी इस गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाना जरूरी है। अगर आप भी बॉडी में गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाना चाहते हैं तो इन 4 फूड को रोजाना खाना शुरु कर दें बॉडी में नेचुरल तरीके से बढ़ने लगेगा HDL कोलेस्ट्रॉल।

ऑलिव ऑयल से करें LDL कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल

बॉडी में गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के लिए और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए आप रोजाना जैतून के तेल का सेवन करें। अगर आप ये सोच रहे हैं कि तेल खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है तो पूरी खबर जरूर पढ़ लें। जैतून के तेल में मौनोएंसुचेरेटिड फैट मौजूद होता है जो गुड फैट है, ये फैट LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और HDL कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है। एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर ये तेल इंफ्लामेशन को कंट्रोल करता है और दिल को हेल्दी रखता है। आप इस तेल का सेवन दिन भर में एक से दो चम्मच ही करें ज्यादा सेवन नुकसान पहुंचा सकता है।

फैटी फिश से बढ़ाएं गुड कोलेस्ट्रॉल

ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फैटी फिश का सेवन करने से गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है। ये फिश धमनियों से खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को हटाने में मदद करती है। इसमें सूजन रोधी गुण मौजूद होते हैं जो दिल को हेल्दी रखते हैं। ये फिश ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करती है और दिल की धड़कन में सुधार करती है। फिश का सेवन आप फ्राई करके नहीं बल्कि ग्रिल,बेक या स्टीम करके ही करें।

नट्स और सीड्स से बढ़ाएं HDL कोलेस्ट्रॉल

अगर आप गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाना चाहते हैं तो आप रोजाना नट्स और सीड्स का सेवन करें। नट्स और सीड्स में गुड फैट मौजूद होता है जो गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने और खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाने में मदद करता है। आप नट्स और सीड्स में चिया सीड्स,फ्लैक्स सीड्स,बादाम और अखरोट का सेवन करें। ओमेगा 3 फैटी एसिड और मौनोएंसुचेरेटिड फैट से भरपूर नट्स और सीड्स दिल की सेहत को दुरुस्त करते हैं। इनका सेवन सीमित ही करें क्योंकि इसमें फैट ज्यादा होता है।

साबुत अनाज का करें सेवन

साबुत अनाज जैसे ओट्स, ब्राउन राइस, जौ, क्विनोआ, और साबुत गेहूं का सेवन करें ये खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाने और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में असरदार साबित होता है। ओट्स और जौ में घुलनशील फाइबर मौजूद होता है जो आंतों में गंदे कोलेस्ट्रॉल को बांधता है और इसे शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।

कोलेस्ट्रॉल का स्तर 240 mg/dL तक पहुंचने पर बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा, कंट्रोल करने के लिए तीन चीजों का सेवन बेहद असरदार साबित होता है। आप भी इन चीजों की जानकारी लेना चाहते हैं तो लिंक पर क्लिक करें।

Tuesday, 10 December 2024


1.पेट फूलना क्या है? 

 पेट फूलना खान-पान की आदतों का परिणाम हो सकता है या पाचन तंत्र के कुछ रोगों जैसे कोलाइटिस, गुर्दे की पथरी, पित्ताशय की पथरी का प्रकटीकरण हो सकता है... यह स्थिति अक्सर अन्य बीमारियों के साथ होती है। सुस्त पेट दर्द, सीने में जलन, उल्टी या मतली जैसे लक्षण... आपके पेट फूलने और सूजन का कारण निर्धारित करने से आपको सही उपचार विकल्प चुनने में मदद मिलेगी। पेट फूलना तब होता है जब पेट में गैस बन जाती है, जिससे पेट फूल जाता है। यह एहसास दिन में एक से अधिक बार प्रकट हो सकता है। सूजन के कुछ लक्षणों में पेट में असुविधा, जकड़न या परिपूर्णता की भावना, गैस और सूजन शामिल हैं... कौन से कारक सूजन के जोखिम को बढ़ाते हैं? खान-पान की आदतों, गतिहीन गतिविधियों के कारण, पाचन तंत्र धीमा हो सकता है, कार्बोनेटेड पेय का सेवन या पुरानी आंत संबंधी बीमारियों से पीड़ित हो सकते हैं... 

2. सूजन और गैस के कारण -
दरअसल, सूजन के कई कारण होते हैं, जैसे: रहन-सहन की आदतों के कारण शरीर बहुत अधिक प्रोटीन की आवश्यकता को सहन करता है बहुत अधिक मसालेदार और गर्म भोजन का सेवन बहुत अधिक शराब, उत्तेजक पदार्थ, धूम्रपान, चबाने वाली गम खाने के दौरान खराब चबाने की आदतें या खाने के दौरान बात करना तनाव और चिंता अनुचित भोजन समन्वय अनुचित खाने और पीने की आदतें मूल कारण हैं शरीर में पाचन संबंधी विकार  के ।

  अक्सर पेट की गैस का इलाज दवा खाकर करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ घरेलू चीजें पेट की गैस की दिक्कत से छुटकारा दिलाने में माहिर हैं? पेट की गैस से छुटकारा कैसे पाएं? पेट साफ करने का घरेलू तरीका जैसे सवाल अगर आपके जहन में भी हैं, तो यहां हम आपको कुछ आसान घरेलू तरीके बता रहे हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं.


पेट में गैस बनने के कारण (Causes of Stomach Gas)

  • तली-भुनी और मसालेदार चीजें ज्यादा खाना.
  • फाइबर और पानी की कमी.
  • जल्दी-जल्दी खाना खाना या भोजन ठीक से न चबाना.
  • ज्यादा चाय, कॉफी, या कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का सेवन.
  • तनाव और नींद की कमी.

पेट की गैस से छुटकारा पाने का घरेलू उपाय | Home Remedies To Get Rid of Stomach Gas

अगर आप चाहते हैं कि पेट से जुड़ी गंदगी और गैस की समस्या खत्म हो जाए, तो हर सुबह खाली पेट एक खास घरेलू उपाय आजमाएं. इसके लिए आपको  जरूरत है 

  •  1 
  • नींबू: आधा
  • जीरा पाउडर: 1 चुटकी
  • शहद: 1 चम्मच (इच्छानुसार)

बनाने और पीने का तरीका:

  • एक गिलास गुनगुने पानी में आधे नींबू का रस निचोड़ लें.
  • इसमें एक चुटकी जीरा पाउडर मिलाएं.
  • चाहें तो इसमें शहद डालकर अच्छे से मिक्स कर लें.
  • इस ड्रिंक को रोज सुबह खाली पेट पिएं.

कैसे काम करता है ये उपाय?

  • नींबू: नींबू में मौजूद विटामिन सी पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और पेट की गंदगी साफ करने में मदद करता है.
  • जीरा: जीरा गैस और पेट फूलने की समस्या को कम करता है. यह पाचन को मजबूत बनाता है.
  • गुनगुना पानी: यह शरीर को डिटॉक्स करता है और पाचन प्रक्रिया को सुचारु बनाता है.
  • शहद: शहद में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो पेट की सेहत को सुधारते हैं.


इस ड्रिंक को पीने के फायदे:

  • पेट की गैस की समस्या से छुटकारा.
  • डाइजेशन बेहतर होता है.
  • पेट की गंदगी साफ होकर शरीर हल्का महसूस करता है.
  • शरीर को नेचुरल तरीके से डिटॉक्स करता है.

इन बातों का रखें ध्यान:

  • यह उपाय रेगुलर अपनाएं.
  • अपने खानपान में फाइबर और पानी की मात्रा बढ़ाएं.
  • तनाव और फास्ट फूड से बचें.

अगर पेट से जुड़ी समस्याएं बार-बार होती हैं, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें. रेगुलर इस घरेलू उपाय का सेवन करके आप न सिर्फ पेट की गंदगी साफ कर सकते हैं, बल्कि अपने डाइजेशन को भी बेहतर बना सकते हैं.

Monday, 9 December 2024

रात को तांबे के लोटे में रखे पानी, इसे सुबह उठकर पीने से होते है 10 फायदे.

 


  • इस पानी को पीने से शरीर के कई रोग बिना दवा ही ठीक हो जाते हैं। साथ ही, इस पानी से शरीर के जहरीले तत्व बाहर निकल जाते हैं। रात को इस तरह तांबे के बर्तन में संग्रहित पानी को ताम्रजल के नाम से जाना जाता है।
  • ये ध्यान रखने वाली बात है कि तांबे के बर्तन में कम से कम 8 घंटे तक रखा हुआ पानी ही लाभकारी होता है । जिन लोगों को कफ की समस्या ज्यादा रहती है, उन्हें इस पानी में तुलसी के कुछ पत्ते डाल देने चाहिए।

    बहुत कम लोग जानते हैं कि तांबे के बर्तन का पानी पीने के बहुत सारे फायदे हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं। रात को तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से होने वाले कुछ बेहतरीन फायदों के बारे में।

इन 10 कारणों से प्रतिदिन पिए तांबे के बर्तन में रखा पानी (ताम्रजल)

  1. हमेशा दिखेंगे जवान : कहते हैं, जो पानी ज्यादा पीता है उसकी स्किन पर अधिक उम्र में भी झुर्रियां दिखाई नहीं देती हैं। ये बात एकदम सही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप तांबे के बर्तन में जल को रखकर पिएं तो इससे त्वचा का ढीलापन आदि दूर हो जाता है।

    डेड स्किन भी निकल जाती है और चेहरा हमेशा चमकता हुआ दिखाई देता है।
  2. थायराइड को करता है नियंत्रित : थायरेक्सीन हार्मोन के असंतुलन के कारण थायराइड की बीमारी होती है। थायराइड के प्रमुख लक्षणों में तेजी से वजन घटना या बढ़ना, अधिक थकान महसूस होना आदि हैं। थायराइड एक्सपर्ट मानते है कि कॉपर के स्पर्श वाला पानी शरीर में थायरेक्सीन हार्मोन को बैलेंस कर देता है। यह इस ग्रंथि की कार्यप्रणाली को भी नियंत्रित करता है।

    तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से रोग नियंत्रित हो जाता है।
  3. गठिया में होता है फायदेमंद : आजकल कई लोगों को कम उम्र में ही गठिया और जोड़ों में दर्द की समस्या सताने लगती हैं। यदि आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो रोज तांबे के पात्र का पानी पिएं। गठिया की शिकायत होने पर तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल पीने से लाभ मिलता है। तांबे के बर्तन में ऐसे गुण आ जाते हैं, जिनसे बॉडी में यूरिक एसिड कम हो जाता है और गठिया व जोड़ों में सूजन के कारण होने वाले दर्द में आराम मिलता है।
  4. स्किन को बनाए स्वस्थ : अधिकतर लोग हेल्दी स्किन के लिए तरह-तरह के कॉस्मेटिक्स का उपयोग करते हैं।

    वो मानते हैं कि अच्छे कॉस्मेटिक्स यूज करने से त्वचा सुंदर हो जाती है, लेकिन ये सच नहीं है। स्किन पर सबसे अधिक प्रभाव आपकी दिनचर्या और खानपान का पड़ता है। इसलिए अगर आप अपनी स्किन को हेल्दी बनाना चाहते हैं तो तांबे के बर्तन में रातभर पानी रखें और सुबह उस पानी को पी लें। नियमित रूप से इस नुस्खे को अपनाने से स्किन ग्लोइंग और स्वस्थ लगने लगेगी।
  5. दिल को बनाए हेल्दी : तनाव आजकल सभी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है।

    इसलिए दिल के रोग और तनाव से ग्रसित लोगों की संख्या तेजी बढ़ती जा रही है। यदि आपके साथ भी ये परेशानी है तो तो तांबे के जग में रात को पानी रख दें। सुबह उठकर इसे पी लें। तांबे के बर्तन में रखे हुए जल को पीने से पूरे शरीर में रक्त का संचार बेहतरीन रहता है।

    कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है और दिल की बीमारियां दूर रहती हैं।
  6. खून की कमी करता है दूर : एनीमिया या खून की कमी एक ऐसी समस्या है जिससे 30 की उम्र से अधिक की कई भारतीय महिलाएं परेशान हैं। कॉपर के बारे में यह तथ्य सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक है कि यह शरीर की अधिकांश प्रक्रियाओं में बेहद आवश्यक होता है। यह शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने का काम करता है। इसी कारण तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से खून की कमी या विकार दूर हो जाते हैं।
  7. कैंसर​ से लड़ने में सहायक : कैंसर होने पर हमेशा तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल पीना चाहिए।

    इससे लाभ मिलता है। तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल वात, पित्त और कफ की शिकायत को दूर करता है। इस प्रकार के जल में एंटी-ऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो इस रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, कॉपर कई तरीके से कैंसर मरीज की हेल्प करता है।

    यह धातु लाभकारी होती है।
  8. सूक्ष्मजीवों को खत्म करता है : तांबे की प्रकृति में ऑलीगोडायनेमिक के रूप में ( बैक्टीरिया पर धातुओं की स्टरलाइज प्रभाव ) माना जाता है। इसीलिए इसके बर्तन में रखे पानी के सेवन से हानिकारक बैक्टीरिया को आसानी से नष्ट किया जा सकता है। इसमें रखे पानी को पीने से डायरिया, दस्त और पीलिया जैसे रोगों के कीटाणु भी मर जाते हैं, लेकिन पानी साफ और स्वच्छ होना चाहिए।
  9. वजन घटाने में मदद करता है : कम उम्र में वजन बढ़ना आजकल एक कॉमन प्रॉब्लम है। अगर कोई भी व्यक्ति वजन घटाना चाहता है तो एक्सरसाइज के साथ ही उसे तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीना चाहिए।

    इस पानी को पीने से बॉडी का एक्स्ट्रा फैट कम हो जाता है। शरीर में कोई कमी या कमजोरी भी नहीं आती है।
  10. पाचन क्रिया को ठीक करता है : एसिडिटी या गैस या पेट की कोई दूसरी समस्या होने पर तांबे के बर्तन का पानी अमृत की तरह काम करता है। आयुर्वेद के अनुसार, अगर आप अपने शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना चाहते हैं तो तांबे के बर्तन में कम से कम 8 घंटे रखा हुआ जल पिएं। इससे राहत मिलेगी और पाचन की समस्याएं भी दूर होंगी।

Sunday, 7 January 2024

साढ़े तीन मिनट का प्रयास, भीषण ठंड में सावधान🙏

 

** भीषण ठंड में जिनकी आयु 45 वर्ष से अधिक है,  उन्हें रात में 10 बजे सोने के बाद से जब भी बिस्तर से उठे, तब आप  एकदम से ना उठे। क्योँकि ठंड के कारण शरीर का ब्लड गाढ़ा हो जाता है तो वह धीरे धीरे कार्य करने के कारण पूरी तरह हार्ट में नहीं पहुँच पाता और शरीर छूट जाता है। इसी कारण से lर्दी के महीनों में 40 वर्ष के आस पास के लोग या  40 वर्ष से ऊपर के लोगों की ह्रदयगति रुकने से दुर्घटनाए~~Waa अत्यधिक होती पाई गई हैं, इसलिए हमें सावधानी अत्यधिक बरतने की आवश्यकता है।

 जिन्हें सुबह या रात में सोते समय  पेशाब करने जाना पड़ता हैं उनके लिए विशेष सूचना!!

 हर एक व्यक्ति को इसी साढ़े तीन मिनट में सावधानी बरतनी चाहिए।

यह इतना महत्व पूर्ण क्यों है?                                                                  यही साढ़े तीन मिनट अकस्माक होने वाली मौतों की संख्या कम कर सकते हैं।

 जब जब ऐसी घटना हुई हैं, परिणाम स्वरूप तंदुरुस्त व्यक्ति भी रात में ही मृत पाया गया हैं।  ऐसे लोगों के बारे में हम कहते हैं, कि कल ही हमने इनसे बात की थी। ऐसा अचानक क्या हुआ? यह कैसे मर गया?                                                                                                                          इसका मुख्य कारण यह है कि रात मे जब भी हम मूत्र विसर्जन के लिए जाते हैं, तब अचiनक या ताबड़तोब उठते हैं, परिणाम स्वरूप मस्तिष्क तक रक्त नही पहुंचता है।                                      *यह साढ़े तीन मिनट बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। मध्य रात्रि जब हम पेशाब करने उठते है तो हमारा ईसीजी का पैटर्न बदल सकता है। इसका कारण यह है, कि अचानक खड़े होने पर मस्तिष्क को रक्त नहीं पहुच पाता और हमारे ह्रदय की क्रिया बंद हो जाती है      I                                                साढ़े तीन मिनट का प्रयास एक उत्तम उपाय है।

1. नींद से उठते समय आधा मिनट गद्दे पर लेटे हुए रहिए।                                                            2. अगले आधा मिनट गद्दे पर बैठिये।                                                                                            3. अगले अढाई मिनट पैर को गद्दे के नीचे झूलते छोड़िये।

साढ़े तीन मिनट के बाद आपका मस्तिष्क बिना खून का नहीं रहेगा और ह्रदय की क्रिया भी बंद नहीं होगी! इससे अचानक होने वाली मौतें भी कम होंगी।

आपके प्रियजनों को लाभ हो अतएव सजग करने हेतु अवश्य प्रसारित करे।

 ye janna jaruri hai                   धन्यवाद!!

        


Shishya Public School, Siwan Science Exhibition 2025

 आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर शिष्य पब्लिक स्कूल के बच्चों द्वारा विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया| Science Exhibition2025 video...